आमतौर पर लोग ब्रैंड न्यूज फरारी कार ही ख़रीदने की सोच कर रहते हैं, लेकिन हाल ही में एक ख़रीददार ने 15 करोड़ रुपये में एक क्षतिग्रस्त फरारी कार ख़रीदी है। लेकिन उस ख़रीददार ने इस कार की ख़रीददारी के पीछे की कहानी क्यों चुनी, वह बेहद रोचक है।
विश्व भर में कई सुपरकार हैं, लेकिन फ़ेरारी का एक अपना विशेष महत्व है। इसकी गति जिसे देखकर हर कोई हैरान हो जाता है। नई फ़ेरारी के ब्रांड की ख़रीददारी पर हर किसी के मन में सवाल उठता है। लेकिन एक मामला सामने आया है जिसके आगे आप चौंक जाएंगे। एक पूरी तरह से बुरी हालत में पहुँची हुई फ़ेरारी को लगभग 1.8 मिलियन डॉलर, अर्थात् लगभग 15 करोड़ रुपये में बेच दिया गया है। 1960 के दशक में यह वाहन आग में जल गया था।
सीएनएन ने खुदरा किया कि इस फ़ेरारी कार को देखकर ऐसा वातवरण आता है कि इसे कबाड़ी की दुकान से निकाला गया है। यह 1954 का फ़ेरारी 500 मोंडियल स्पाइडर सीरीज I मॉडल है। आरएम सोथबी ने मोंटेरे ऑक्शन में इसे 15 करोड़ रुपये में बेच दिया।
1960 रेस ट्रैक पर लग गई थी आग
फ्रेंको कॉर्टेज पहले एक फेरारी फैक्ट्री के ड्राइवर रहे हैं। 1954 में उन्होंने रेस ट्रैक पर प्रतियोगिता के लिए इस सुपरकार को खरीदा। हालांकि, 1960 में एक घटना के दौरान इस वाहन में आग लग गई। 1978 में इसकी स्वामित्व पर आखिरी हस्तांतरण हुआ। इसके बावजूद, इसे खराब हालत में सुरक्षित रखा गया। यह वाहन पहियों के बजाय में खड़ा रहता है। इसमें गियरबॉक्स, 3.0 लीटर टिपो 119 लैंप्रेडी इनलाइन चार इंजन और रियल एक्सल कॉर्नर मूल चेसिस प्लेट होती है।
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इस कारण खरीदी यह कार
अब आपके मन में सवाल हो सकता है कि 15 करोड़ रुपये की क्षतिग्रस्त कार को क्यों खरीदना चाहिए? यदि सच्चाई की बात करें, तो इस कार के खरीदार की इच्छा है कि उनका पूरा गौरव उन्हें पुनः प्राप्त हो, ताकि वे फिर से रेस ट्रैक पर उतर सकें। 2008 में, सबसे महंगी फ़ेरारी की बिक्री हुई थी। यह 1962 का फ़ेरारी 250 जीटीओ मॉडल था। इसकी मूल्य महसूस मिल गया था, और उसने 48.4 मिलियन डॉलर के मूल्य पर बिकाई गई। आरएम सोथबी ने भी इस वाहन को नीलाम किया था।