भारतीय टीम के धाकड़ गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर रहे हैं और उन्होंने इस बारे में एक बयान जारी किया है। उन्होंने पिछले 11 महीनों से खेल के दूर रहे थे, लेकिन अब वे आगामी एशिया कप और भारत में होने वाले वनडे विश्व कप में बड़ी भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। वे पिछले साल सितंबर 2022 में कमर के स्ट्रेस फ्रैक्चर के कारण क्रिकेट से दूर रहे थे।
अब जसप्रीत बुमराह भारतीय टीम के लिए आयरलैंड के खिलाफ होने वाले T20 सीरीज में वापसी कर रहे हैं। इस मैच में उन्हें चार ओवर गेंदबाजी करने का मौका मिलेगा, लेकिन उन्होंने बताया कि वे हमेशा से ही लंबे स्पेल वाले मैचों में खेलने की तैयारी कर रहे हैं। उनका लक्ष्य आगामी एशिया कप और भारत में होने वाले वनडे विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन करना है।
जसप्रीत बुमराह ने आयरलैंड के खिलाफ टी-20 मैच से पहले आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हम सभी को यह ज्ञात है कि विश्व कप से पहले कोई टेस्ट मैच नहीं होने वाला है और मैंने अपने इलाज के दौरान भी 50 ओवर वाले मैच की तैयारी की थी, जो आगामी वर्ल्ड कप के लिए है। मैंने 10 से 12 ओवर ही नहीं, बल्कि 15 ओवर तक गेंदबाजी की। मेरा लक्ष्य हमेशा आगामी विश्व कप की तैयारी करना था, टी-20 सीरीज की नहीं।
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इसके साथ ही, जसप्रीत बुमराह ने यह भी साझा किया कि, “मुझे हमेशा अपेक्षाओं से दूर रहकर खेल का आनंद लेना पसंद है, क्योंकि इस बार मैं खुद को काफी दिनों तक क्रिकेट से दूर रहते देखा है, जो पहले कभी नहीं हुआ था। जब चोट गंभीर होती है, तो उसका इलाज करने में समय लगता है और हमारे मन में निराशा भी आ सकती है। लेकिन मैंने किसी भी समय पर खुद पर संदेह नहीं किया, बल्कि मैं जल्दी से फिट होने की सोच रहा था ताकि मैं अपनी टीम के लिए उत्तम प्रदर्शन कर सकूँ।”
इस मौके पर भारतीय टीम के तेज गेंदबाज ने कहा, “किसी भी बुरे समय में गलत विचारों को मन में नहीं आने देना चाहिए और मैं भी यही सोचता था कि इस कठिन समय निकलेगा और आज मैं स्वस्थ और खुश महसूस कर रहा हूँ। यह मुश्किल दौरान मैंने कभी भी मेरे करियर का समापन नहीं होने दिया, बल्कि मैं हमेशा विश्वास बनाए रखा कि यह दुर्घटना केवल एक समय की बात है।”
उन्होंने बताया कि इस समय, भारतीय टीम के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) में इलाज के लिए बेंगलुरु गए थे और उनसे मिलकर उन्हें आनंद आया। उन्होंने माना कि कभी-कभी हालात हमारे कब्जे से बाहर हो जाते हैं और उन्हें सही होने में समय लगता है, लेकिन उन्होंने आत्म-आत्मविश्वास को हानि नहीं पहुंचने दिया।