टमाटर vs चावल: नेपाल सरकार की चावल की मांग? क्या भारत में टमाटर सस्ते में उपलब्ध होंगे?

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Tomato Price

Tomato vs Rice: इन दिनों हम देख रहे हैं कि टमाटर की मूल्य सातवें आकाश पर पहुंच गई है, जिसके कारण कई लोगों ने टमाटर का सेवन करना बंद कर दिया है। हालांकि हाल ही में हमें यह जानकरी मिली है कि नेपाल देश इस समस्या का समाधान ढूंढने में जुट गया है। वास्तव में, हाल ही की रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने बताया है कि बड़ी मात्रा में नेपाल से टमाटरों की खरीद की गई है और वे जल्द ही उत्तरी भारतीय राज्यों में पहुंच जाएंगे।

हम देख रहे हैं कि जुलाई के महीने से ही टमाटर की कीमत सातवें आकाश पर पहुंच गई थी। ऐसा आया कि एक समय में टमाटर किलो आयतन में 250 रुपये के लिए उपलब्ध होने लगे थे। यहां तक कि कुछ राज्यों में 300 रुपये किलो तक टमाटर की बिक्री हो रही थी। हाल ही में सरकार ने सब्सिडी के तहत टमाटर की बेचाई शुरू की थी, जो लोगों को राहत प्रदान करने का एक प्रयास था। इस प्रयास के तहत, सरकार ने 50 रुपये किलो तक कीमत पर सब्सिडी वाले टमाटर बेचे, जिससे लोगों को कुछ राहत मिली।

भारत को पहली बार आयात करना पड़ रहा है टमाटर

वास्तव में हाल ही में शुक्रवार को नेपाल के कृषि मंत्रालय की प्रवक्ता शबनम शिवाकोटी ने बताया कि वह भारत को टमाटर जैसी सब्जियां भेजने के लिए तैयार हैं, लेकिन भारत को भी नेपाल में बाजार से आसानी से पहुंचने वाले सामान और महत्वपूर्ण सुविधाएं प्रदान करनी होगी।

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असल में, आप देख सकते हैं कि काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर जैसे स्थानों में नेपाल में व्यापक स्तर पर टमाटरों की खेती की जा रही है। यहां तक कि काफी समय से नेपाल से भारत में टमाटर कोई न कोई राह पर पहुंचाने के तरीके का प्रयास कर रहा है।

टमाटर के बदले चावल की मांग

हमारे स्रोतों से पता चलता है कि नेपाल सरकार ने भारत सरकार को एक पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि भारत सरकार को चावल और चीनी की निर्यात में नेपाल की मदद करनी चाहिए, ताकि नेपाल भारत को दीर्घकालिक रूप से टमाटर की आपूर्ति की सुविधा प्रदान कर सके।

यह बात सभी को पता है कि भारत सरकार ने घरेलू मूल्यों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से 20 अगस्त को निर्णय लिया कि गैर-बासमती चावल की निर्यात पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसका प्रभाव अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया सहित हमारे पड़ोसी देश नेपाल पर भी पड़ा है। देखा जाता है कि नेपाल में चावल की कीमत काफी अधिक बढ़ गई है, क्योंकि भारत से चावल की आपूर्ति बंद हो चुकी है।

नेपाल के व्यापारिकों का कहना है कि चावल की निर्यात के बंद हो जाने के कारण नेपाल में जहां पहले 50 रुपये किलो चावल मिलते थे, वह अब 200 रुपये किलो तक की कीमतों में बेचे जा रहे हैं। यह अभी तक की बात नहीं है, बल्कि त्योहारों के मौसम में इस कीमत में और भी वृद्धि की संभावना है। इसके कारण नेपाल सरकार चाहती है कि भारत सरकार नेपाल को चावल की आपूर्ति के बदले में मदद करने की शुरुआत करें।

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