Vivah Shagun Yojana: न केवल केंद्र सरकार, बल्कि कई राज्य सरकारें भी ऐसी योजनाएँ लागू कर रही हैं, जिनसे आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब वर्ग के लोगों को आर्थिक सहायता प्राप्त हो सके, ताकि वे अपने महत्वपूर्ण कामों को सम्पन्न कर सकें।
ऐसे में, गरीब परिवारों को अपने बच्चों की शादी या उनकी शिक्षा की लागत को पूरा करने के लिए कई बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए, वे लोग अक्सर ऋण लेते हैं या उधारी लेते हैं। लेकिन हरियाणा सरकार ने एक ऐसी योजना शुरू की है, जिसके अंतर्गत गरीब परिवारों को उनके बच्चों की शादी के समय आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है।
मेरी जानकारी के अनुसार, “मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना” (Vivah Shagun Yojana) एक ऐसी योजना है जिसका उद्देश्य शादीशुदा जोड़ों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। यह योजना राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ की गई है और यह वाकई अनोखी पहल है। जब कोई विवाहित जोड़ा अपने विवाह का ऑनलाइन पंजीकरण करवाता है, तो उन्हें एक आर्थिक राशि प्राप्त होती है। इसके साथ ही, उपयुक्तता प्राप्त विवाहिता के विवाह की ई-दिशा पोर्टल पर पंजीकरण कराना आवश्यक होता है।
Online Registration
आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री ने बताया कि शादी के 6 महीने बाद विवाहित जोड़ों को ऑनलाइन पंजीकरण करवाना आवश्यक होगा, और इसके पश्चात् उन्हें “विवाह शगुन योजना” (Vivah Shagun Yojana) का लाभ प्राप्त होगा। पंजीकरण करवाने के बाद ही कन्या के माता-पिता को इस योजना के लाभ का प्रदान किया जाएगा।
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मुख्यमंत्री ने बताया कि विमुक्त या बीपीएल परिवारों में आने वाली कन्याओं को उनकी शादी के समय राज्य सरकार द्वारा 71,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। सभी वर्गों की विधवाओं, बेसहारा महिलाओं, अनाथ बच्चों, बीपीएल सूची में शामिल होने वालों, या जिनकी आय 1 लाख 80 हजार रुपये से कम है, उन्हें इस योजना में 51 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
इसके अतिरिक्त, बताया गया है कि बीपीएल परिवारों में सामान्य या पिछड़े वर्ग के परिवारों को 31,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे। इस राशि के लिए बीपीएल परिवारों में अनुसूचित जाति और विमुक्त जाति का कोई भी परिवार शामिल नहीं है। इसके अलावा, जिन परिवारों की आय 1,80,000 से कम है, उन्हें यह सहायता राशि प्रदान की जाएगी। यदि विवाहित जोड़ा 40% से अधिक विकलांग है, तो उन्हें 51,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे। और अगर कोई व्यक्ति 40% से अधिक विकलांग है, तो उसे 31,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।