2024 तक बनेगा देश का दूसरा सबसे लम्बा एक्सप्रेसवे, चार राज्यों की यातायात लाइन में होगा शामिल

Manpreet Singh
3 Min Read
Second Longest Highway In India

नितिन गडकरी, भारतीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, के आगमन के पश्चात्, देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे का निर्माण गतिशील हो रहा है। लेकिन अब एक सूचना सामने आ रही है कि भारत को एक और महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया जाएगा, जो अमृतसर से लेकर जामनगर तक फैलेगा।

यह एक्सप्रेसवे देश के लिए वाकई महत्वपूर्ण हो सकता है। यदि यह अवश्यक स्थितियों में बनता है, तो पंजाब से गुजरात जाने वाले लोगों को पहुँचाने में 23 घंटे की बजाय सिर्फ 13 घंटे की समय लगेगा। इसके परिणामस्वरूप, यात्रा का समय 10 घंटे कम हो सकता है।

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से सिर्फ समय ही नहीं बचेगा, बल्कि लाखों रुपए की बचत भी हो सकती है। इसके अलावा, यह एक्सप्रेसवे हर वर्ष लाखों रुपए की बिजली उत्पादित करने में भी सहायक हो सकता है। इस प्रकार, इस एक्सप्रेसवे का देश के लिए सब प्रकार से महत्व हो सकता है।

आपको जानकर खुशी होगी कि अमृतसर से जामनगर तक बनने वाले इस एक्सप्रेसवे पर सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन के लिए एक योजना है, जिसमें एक्सप्रेसवे की खाली जगहों पर सोलर प्लांट लगाने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही, राजस्थान के एक्सप्रेसवे खंड पर भी काम प्रारंभ हो चुका है।

आपके साथ साझा करने के लिए जानकारी है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन के लिए पश्चिमी राजस्थान में बिजली वितरण कंपनी जोधपुर डिस्कॉम के साथ समझौता किया है और इसके लिए हस्ताक्षर भी किए गए हैं। इस प्लान के अनुसार, 25 मेगावाट के 6 सोलर प्लांट्स की स्थापना की जाएगी। 6 स्थानों पर प्लांट्स लगाने के लिए 4 कंपनियों के टेंडर भी जारी किए गए हैं। इसके अलावा, राजस्थान में पढ़ते हुए एक्सप्रेसवे की जमीन पर कुल 21 स्थानों पर सौर प्लांट्स स्थापित करने की योजना बनाई गई है।

यहां बनेगे सबसे पहले सोलर प्लांट

मैं आपको सूचित करना चाहता हूँ कि उन 6 स्थानों में जहाँ सोलर प्लांट्स लगने की योजना है, पहले स्थान मलकीसर, गोपालियां रोड, नोरंगदेसर, राशिसर, जोधपुर के भीकमकोर और ढांढणिया शासन और हनुमानगढ़ के कोला है।

इसके साथ ही, इन सोलर प्लांट्स से जी बिजली का उत्पादन किया जाएगा और इसे जोधपुर डिस्कॉम को 3.55 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से खरीदना होगा। इसके अलावा, जो कंपनियां सोलर प्लांट्स लगाने जा रही हैं, वे NHAI को किराया भुगतान करेंगी।

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